Tuesday, October 8, 2019

मैं इज़्तिरार

मैं इज़हार कैसे करू
अलफ़ाज़ में कैसे बयान करू -
मेरी रूह  मुझसे छिन गई,
जिस दिन मेरे पिता को ऊपर वाले ने छीन लिया ।

रश्क़ होने लगा उनसे, जिनको जन्नत में दिखे मेरे पिता;

हाँ, मौत का एक दिन मुअय्यन है मगर
उनके जाने से मेरी जन्नत छिन गई मुझसे ।

मैं यहाँ इस जहान में मुंतज़िर,

तमाम थी, अब अधूरा है दिल ।